महात्मा गांधी की हत्या करने वाला नथूराम गोडसे देश का संभवतः सबसे विवादास्पद चरित्र है। देश भी उसके इस आचरण को लेकर दो खेमों में विभाजित है। कुछ लोग उसे देशद्रोही मानते हैं, तो कुछ लोग उसे देश का सच्चा सिपाही मानते हुए उसके मंदिर तक बनवाने की पैरवी करते हैं। ऐसे में आम आदमी के मन में यह सवाल कौंधना स्वाभाविक है कि नथूराम गोडसे वास्तव में क्या था? क्या नथूराम गोडसे आतंकवादी था? क्या नथूराम गोडसे देशद्रोही था? क्या नथूराम गोडसे पेशेवर हत्यारा था? अगर नहीं, तो उसने गांधी जी की हत्या क्यों की? वह भारत-विभाजन के लिए गांधी जी को जिम्मेदार क्यों मानता था? और...क्या सचमुच गांधी जी ने मुसलमानों के तुष्टिकरण के लिए यह गुनाह कर देश की जनता को धोखा दिया था? नथूराम गोडसे का पक्ष जानने के लिए उसके भाई और गांधी जी के हत्या के ‘षड्यंत्र’ में शामिल होने के अपराध में आजीवन कारावास भुगतकर 13 अक्तूबर 1964 को मुक्त हुए गोपाल गोडसे द्वारा प्रस्तुत एक ऐतिहासिक दस्तावेज। साथ में हिन्द पाॅकेट बुक्स द्वारा सद्यः प्रकाशित प्रियंवद की विश्लेष्णात्मक पुस्तक ‘भारत विभाजन की अंतःकथा’ भी पठनीय।
Author(s): Gopal Godse
Year: 1967
Language: Hindi
Pages: 129
COVER......Page 1
DIVYA SANDESH......Page 5
MRITU PATRA......Page 7
INDEX......Page 9
1. VIBHAJAN KE GHAAV......Page 10
2. NIRVASIT AUR GANDHI JI......Page 17
3. SARDAR PATEL AUR 55 KAROD......Page 24
4. GANDHI VADH KA PURVAGYAN......Page 26
5. KASHMIR......Page 29
6. NIVEDAN PADNE SE PURV......Page 47
7. NATHURAM KA NIVEDAN......Page 53
8. NIVEDAN KA PARISHISHT......Page 109
9. PARISHISHT......Page 117
PICTURES......Page 122